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Wednesday, July 9, 2014

स्टॉप लाइन

स्टॉप लाइन के पीछे खड़ा मैं ,
देख रहा हूँ एक एक  को आगे जाता ,
ज़ेब्रा क्रॉसिंग से भी आगे ,
एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ ,
यहाँ भी है लालबत्ती पर ,
आगे से आगे जाकर खड़ा होने की आकांक्षा ,
बड़ी ही विस्मयी है ,
कोई भी व्यक्ति मेरा साथ देने को तैयार नहीं ,
मेरे साथ स्टॉप लाइन के पीछे खड़े रहने को तैयार नहीं ,
इतने में एक व्यक्ति और आया ,
जिसने अपना वाहन मेरे पास रुकाया ,
अब हम दो थे जो आगे लोगो को देख रहे थे ,
हम उन्हें असभ्य समझ रहे थे ,
और वो सब हमें मूर्ख ,
थोड़ी देर में एक बड़ी सी चमचमाती कार रुकी ,
आगे जाकर उसमे बैठे एक व्यक्ति ने कार का दरवाजा खोला ,
एक दम स्त्री किये हुए कपडे,
धुप का चश्मा लगाए हुए उस व्यक्ति ने,
बैठे बैठे पान की पीक,
साफ़ सुथरी सड़क पर थूक दी ,
स्टॉप लाइन के आगे खड़े लोगो से ध्यान हटा ही था ,
कि इस घटना ने मुझे और झकझोर दिया ,
मैंने तुरंत सोचना बंद किया,
और हरी बत्ती होते ही,
सबसे आगे निकल कर,
अपना वाहन भगा ले गया ।।