आया होली का त्यौहार,
ठीक बजट के बाद,
अतिरिक्त सेवा कर का भार ,
पिचकारी और रंगो पर भी पड़ी इसकी मार,
निकला रंगो की दुकान के आगे से मैं,
सोचा चार पांच रंग के गुलाल ही खरीद लूँ ,
अनुमान था भाव का फिर भी भाव सुन स्तब्ध रह गया,
चार पांच रंग के गुलाल का मेरा बजट आधा रह गया,
पीला लाल और हरा रंग गुलाल ले लिया,
बाकी रंगो को अलविदा कह दिया,
महंगाई की चुनौती और बजट का प्रभाव,
न होने दिया मैंने खुशियों में अभाव,
होली आई.... पकवान बना,
जो भी रंग था खूब लगाया,
पानी भी व्यर्थ न फैलाया,
प्रेम और सदभाव के साथ होली का त्यौहार मनाया ॥
ठीक बजट के बाद,
अतिरिक्त सेवा कर का भार ,
पिचकारी और रंगो पर भी पड़ी इसकी मार,
निकला रंगो की दुकान के आगे से मैं,
सोचा चार पांच रंग के गुलाल ही खरीद लूँ ,
अनुमान था भाव का फिर भी भाव सुन स्तब्ध रह गया,
चार पांच रंग के गुलाल का मेरा बजट आधा रह गया,
पीला लाल और हरा रंग गुलाल ले लिया,
बाकी रंगो को अलविदा कह दिया,
महंगाई की चुनौती और बजट का प्रभाव,
न होने दिया मैंने खुशियों में अभाव,
होली आई.... पकवान बना,
जो भी रंग था खूब लगाया,
पानी भी व्यर्थ न फैलाया,
प्रेम और सदभाव के साथ होली का त्यौहार मनाया ॥