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Friday, July 26, 2013

२५ वर्ष हुए

निरस्त जीवन ….
स्वयं  अनुमति से …
तलाश समाप्त …
अधुरा सारांश ….
एक व्यक्ति ….
सहस्त्र कल्पनाये …
चित एक…
अनेक आशाये ….
आशाओं को चीरती …
सिर्फ एक निराशा ….
जगमगाता सा ….
अँधेरा ….
चारो और धुंध ….
स्पष्ट  दृश्य ….
विकट स्तिथि ….
तटस्थ  परिणाम …
मन हलचल ….
शरीर स्थिर ….
फिर वो ही …
कौतुहल …
समान परिवेश ….
और परिभेष ….
और मैं विशेष ….
यु आसमान को निहारता …
खड़ा हूँ ….
२५ वर्ष हुए।। 

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