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Thursday, September 12, 2013

भीषण गर्जना

अत्यंत दुर्बल परिस्तिथि में ..
एक सह्सीय भीषण गर्जना ,
चारो ओर सन्नाटा  ..
आपस में तांकते महा विभोर ,
दुःख ..  कठिनाई ..तनाव ..समस्या ..
सब खड़े मौन ,
विस्मित मन से सोच रहे,
अब हो गया इनका विरोध ,
कैसे करेंगे परेशान अब,
सुन कर उसकी गर्जना ,
पीछे खड़ा ..सहमा हुआ डर  ..
डर रहा था आगे आने को ,
सोच रहा था मन ही मन ,
फिर किया आव्हान किसी ने ,
अब पराजय निश्चित है ,
गर्जना भर से ही सब विचलित है,
साथ  में थोडा विस्मित है ,
युक्तिया बना रहे है ,
बचने की अब ..
राह देख रहे है,
पलायन की अब ..
जायेंगे वहा,
जहाँ ना सुनाई  देगी, इन्हें ललकारने की,
इतनी भीषण गर्जना ....

 

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