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Wednesday, July 31, 2019

युद्ध तो होना ही है

निष्पक्ष न्याय की आशा...
विपक्ष अत्यंत दृढ़ एवं कठोर,
दुर्बल आशाओं का सामना...
सबल कल्पनाओं से।

घमासान निसंदेह दर्शनीय...
पूर्णतः पूर्वानुमानित,
किन्तु युद्ध तो होना ही है,
पक्ष विपक्ष रण में,
आमने सामने जो है।

ना कोई विचार विमर्श...
ना कोई संधि,
मुर्झायी सी धवल पताका,
सबकी दृष्टि से परे,
ना जाने क्या संकेत दे रही है,
और किसे दे रही है ,
अपने आप में खोयी हुई सी,
किन्तु युद्ध तो होना ही है।

तैयार खड़े आशाओं के महारथी...
लिए हाथ में अस्त्र शस्त्र,
सैनिक वीर कल्पनाओ के भी,
इरादे बुलंद,
प्रतीक्षा है,
समय के संकेत की,
जो अभी थमा हुआ है,
किन्तु युद्ध तो होना ही है।




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