ना मीठा खाने के पहले सोचा करते थे
ना मीठा खाने के बाद....
वो बचपन भी क्या बचपन था
ना डायबिटिक की चिंता
ना कॉलेस्ट्रॉल था...
दो समोसे के बाद भी
एक प्याज़ की कचोरी खा लेते थे..
अब आधे समोसे में भी
तेल ज्यादा लगता है...
मिठाई भी ऐसी लेते है जिसमे मीठा कम हो
और कम नमक वाली नमकीन ढूंढते रहते है...
खूब दौड़ते भागते थे तब
धड़कन ना ज्यादा बढ़ती थी....
अब कुछ थोड़ा अधिक खा भी ले तो
साँसे ऊपर नीचे हो जाती है....
स्वास्थ की रहती चिंता हर समय किन्तु
शारीरिक श्रम का समय ना मिलता है॥
ना मीठा खाने के बाद....
वो बचपन भी क्या बचपन था
ना डायबिटिक की चिंता
ना कॉलेस्ट्रॉल था...
दो समोसे के बाद भी
एक प्याज़ की कचोरी खा लेते थे..
अब आधे समोसे में भी
तेल ज्यादा लगता है...
मिठाई भी ऐसी लेते है जिसमे मीठा कम हो
और कम नमक वाली नमकीन ढूंढते रहते है...
खूब दौड़ते भागते थे तब
धड़कन ना ज्यादा बढ़ती थी....
अब कुछ थोड़ा अधिक खा भी ले तो
साँसे ऊपर नीचे हो जाती है....
स्वास्थ की रहती चिंता हर समय किन्तु
शारीरिक श्रम का समय ना मिलता है॥